
आजादी के 71 साल बाद भी रामनगर का चुकुम गांव एक अदद पुल के लिए तरस गया है. यहां के नौनिहाल दशकों से उफनाती कोसी नदी को पार करने कि लिए मजबूर हैं. ये नौनिहाल प्रतिदिन पढ़ने के लिए राजकीय इंटर कॉलेज मोहान आते हैं. इन्हें आज तब भी इस नदी को पार करना पड़ रहा है. जब मौसम विभाग ने कुमाऊं में भारी बारिश की चेतावनी दी है. यह विद्यार्थी प्रतिदिन दो बार अपनी जान जोखिम में डालकर शिक्षा ग्रहण करने मोहान तक आते और वापस जाते हैं. जिस दिन पानी का लेवल बढ़ जाता है, उस दिन यह स्कूल नहीं जा पाते हैं. ये वही कोसी नदी है जो जब उफान पर आती है तो मोहान से लेकर रामपुर तक अपना कहर ढाती है. इसके साथ ही यहां के ग्रामीण भी बाजार आने-जाने के अपनी जान जोखिम में डालकर इसे पार करने को मजबूर हैं. विधायक दीवान सिंह बिष्ट भी मानते हैं कि इस गांव को ना केवल इस नदी से खतरा है बल्कि ग्रामीणों को वन्यजीवों का खतरा भी बना रहता है.
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