पितृपक्ष महासंगम के पांचवें दिन आश्विन कृष्ण पक्ष तृतीया तिथि को बोधगया के धर्मारण्य, मातंगवापी और सरस्वती पिंडवेदियो पर कर्मकांड का विधान है. स्कंद पुराण के अनुसार महाभारत के युद्ध के दौरान जाने अनजाने में मारे गए लोगों की आत्मा की शांति और पश्चाताप के लिए धर्मराज युधिष्ठिर ने धर्मारण्य पिंडवेदी पर पिंडदान किया था.
भूत-प्रेत बाधा से चाहते है मुक्ति तो गया के इस पिंडवेदी पर करें कर्मकांड!
Reviewed by Sailesh kumar
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7:55 PM
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