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पिता के सपने को बनाया अपना सपना, पैसे नहीं थे तो दोस्त से कर्जा लेकर भरा फॉर्म, अब गाड़े सफलता के झंडे

Success Story : रवि रंजन ने बताया कि वह दिन के 14 से 16 घंटे बच्चों को ट्यूशन पढ़ता था और स्कूल में भी पढ़ाने के बाद दिन के 4 से 5 घंटे खुद की तैयारी करता था. 20 से 22 घंटे लगातार काम करने तथा थोड़ा आराम करने के बाद अगले दिन की तैयारी के लिए निकल जाता था.

पिता के सपने को बनाया अपना सपना, पैसे नहीं थे तो दोस्त से कर्जा लेकर भरा फॉर्म, अब गाड़े सफलता के झंडे पिता के सपने को बनाया अपना सपना, पैसे नहीं थे तो दोस्त से कर्जा लेकर भरा फॉर्म, अब गाड़े सफलता के झंडे Reviewed by Sailesh kumar on 9:54 PM Rating: 5

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